उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में स्थित बाबा तामेश्वरनाथ धाम सदियों का इतिहास समेटे है। यहां सावन के महीने में लगने वाला मेला विश्वप्रसिद्ध है...
अज्ञातवास के समय माता कुंती के साथ आए थे पांडव (Baba Tameshwar Nath Dham)
बाबा तामेश्वरनाथ धाम क्षेत्र के बारे में मान्यता है कि यहां द्वापर युग में अज्ञातवास के दौरान पांडव माता कुंती के साथ कुछ दिन के प्रवास पर आए थे। उस दौरान माता कुंती ने यहां भगवान शिव की आराधना कर राजपाट फिर से पाने का आशीर्वाद मांगा था। इसे लेकर यहां एक और प्रमाण लोग दिखाते हैं। वह बाबा तामेश्वरनाथ धाम से कुछ दूरी पर रामपुर में एक पोखरा है। इसे लोग द्वापरा के नाम से जानते हैं। ऐसी मान्यता है इसका निर्माण पांडवों ने कराया था। इसी वजह से इसका नाम धीरे-धीरे द्वापरा पड़ गया। इसमें लगीं ईंटे काफी पुरानी हैं।
मुंडन करा यहीं तथागत बने गौतम बुद्ध (Baba Tameshwar Nath Dham)
बाबा तामेश्वरनाथ धाम गौतम बुद्ध से भी जुड़ा बताया जाता है। माना जाता है कि राजकुमार सिद्धार्थ यहीं पर राजसी वस्त्र त्यागने के बाद मुंडन कराया और तथागत बुद्ध बन गए। बाबा तामेश्वरनाथ धाम परिसर में एक बुद्धकालीन मंदिर है, जिसमें अर्द्धनारीश्वर की प्रतिमा स्थापित है। इस बात की तस्दीक पुरातत्व विभाग की टीम के सर्वेक्षण में हुआ बताया जाता है। यहां आज भी दूर-दूर से लोग बच्चों का मुंडन संस्कार कराने आते हैं।
बांसी के राजा रतन सिंह ने बनवाया मंदिर (Baba Tameshwar Nath Dham)
बाबा तामेश्वरनाथ धाम में स्वतः प्रगट शिवलिंग है। यहां का इतिहास वैसे तो हजारों साल पुराना है। लेकिन, बताया जाता है कि करीब डेढ़ सौ साल पहले यहां बांसी के राजा रतन सिंह ने मंदिर का स्वरूप दिया। बाद में सेठ रामनिवास रुंगटा ने संतान प्राप्ति की मनौती पूरी होने के बाद मंदिर को विस्तार दिया। तामेश्वरनाथ धाम पूर्व में ताम्रगढ़ के नाम से जाना जाता था। यहां मुख्य मंदिर के अतिरिक्त छोटे-बड़े कुल सोलह मंदिर हैं। प्रसिद्ध संत देवरहा बाबा भी यहां आकर प्रेरणा प्राप्त किए थे।
भारती परिवार यहां करता है पूजा-अर्चना (Baba Tameshwar Nath Dham)
देवाधिदेव बाबा तामेश्वरनाथ धाम में पूजा-अर्चना और देखभाल के जिम्मा भारती परिवार सम्हालता है। करीब साढ़े तीन सौ साल पहले तत्कालीन बांसी राजा ने भारती परिवार पूर्वज टेकधर भारती को पूजा-पाठ का जिम्मा सौंपा था। भारती परिवार मूल रूप से हरनही तहसील के जैसरनाथ भरोहिया के रहने वाले हैं।
सावन में लगता बड़ा मेला (Baba Tameshwar Nath Dham)
बाबा तामेश्वरनाथ धाम में वैसे तो वर्ष भर हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। लेकिन सोमवार और तेरस के दिन यहां भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। वहीं सावन के महीने में यहां चालीस दिन का मेला लगता है। जिसमें दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं और भगवान शिव की आराधना कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।
ऐसे पहुंचे बाबा तामेश्वरनाथ धाम (Baba Tameshwar Nath Dham)
बाबा तामेश्वरनाथ धाम मंदिर उत्तर प्रदेश के बस्ती मंडल के संतकबीरनगर जिले में स्थित है। यह मंदिर संतकबीरनगर के खलीलाबाद-धनघटा मार्ग पर करीब आठ किलोमीटर दक्षिण की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए खलीलाबाद से ऑटो या विक्रम से सफर किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें...
👉उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर: साल में एक दिन खुलता है यह मंदिर
👉Turmeric Milk: हल्दी वाला दूध पीने के 11 फायदे, निरोगी होती है काया
👉Basti News: जिले की 113 किमी की तीन सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित
0 Comments