श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने निर्माणाधीन राम मंदिर की तस्वीर वीडियो जारी किया है...
इन तस्वीरों से श्रीराम मंदिर की भव्यता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके साथ इसके निर्माण शैली को देखा जा सकता है। जिससे इस भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के ऐतिहासिक क्षण के आप भी साक्षी बन सकते हैं। इन तस्वीरों में श्रीराम मंदिर के प्रथम तल के निर्माण की तस्वीर ड्रोन कैमरे से ली गई है। ट्विटर पर बताया गया है प्रथम तल पर बन रहे खंभे करीब दस फिट ऊंचे बन चुके हैं। खंभों का निर्माण अंतिम चरण में है। इसके बाद इन खंभों पर छत की ढलाई होगी। वहीं, दूसरी तस्वीर को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। इसमें श्रीराम मंदिर के भव्य कॉरिडोर की झलक दिख रही है।
गर्भगृह बनकर हो चुका है तैयार
16 अगस्त 2023 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने राम मंदिर के गर्भगृह की छत का जो वीडियो जारी किया है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसी गर्भगृह में ही सिंहासन पर श्रीरामलला विराजमान होंगे। गर्भगृह के दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है। इसकी छत के बीच में बनी नक्काशी के ठीक नीचे ही श्रीरामलला विराजेंगे। इस स्थान पर इस समय एक ध्वज लगाया गया है। चंपत राय ने गर्भगृह की तस्वीर को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि "श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की छत"।
राजस्थान, कर्नाटक के पत्थर लगे हैं
श्रीराम मंदिर के निर्माण में राजस्थान और कर्नाटक से मंगाए गए पत्थर लग रहे हैं। इसकी डिजाइन के लिए पिंक सैंड भी लगाया जा रहा है। बताया गया है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की दीवार के साथ छत ढाली जा चुकी है। फर्श और मंदिर के बाहरी परिसर का काम अभी चल रहा है। वहीं, भूतल पर 166 खंभों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। गर्भगृह के छह खंभे सफेद संगमरमर के हैं। बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन से निर्मित हैं। सूर्यास्त के समय यह मंदिर अद्भुत छटा बिखेरता है।
रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी सूर्य की किरण
भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण में खगोल विज्ञान से जुड़े लोग भी काम कर रहे हैं। वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि रामजन्म यानी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन में दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें कुछ देर के लिए श्रीरामलला की मूर्ति को स्पर्श करें। वर्ष 2024 में रामजन्म उत्सव में यह अलौकिक नजारा देखने को मिल सकता है। क्योंकि यह रामजन्म उत्सव हर मायने में विशेष होगा।
15 से 24 जनवरी के बीच होगी प्राण-प्रतिष्ठा
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी दिन भगवान श्रीरामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए अक्तूबर 2023 तक श्रीराम मंदिर के भूतल का काम पूरा हो जाएगा। फिनिशिंग आदि का काम दिसंबर महीने तक पूरा हो जाएगा। यहां भगवान श्रीराम पूरे परिवार के विराजमान होंगे। सेकेंड फ्लोर पर अभी किसी भी प्रतिमा को स्थापित नहीं किया जाएगा। यह केवल मंदिर को ऊंचाई प्रदान करेगा। मंदिर के निर्माण में अब तक 21 लाख घन फिट ग्रेनाइट के साथ सैंड स्टोन और मार्बल इस्तेमाल हो रहा है।
प्रधानमंत्री को भेजा गया है निमंत्रण
भव्य श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा गया है। ट्रस्ट के अनुसार इस समारोह में दस हजार लोगों को निमंत्रण भेजा जाएगा। चंपत राय के अनुसार प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 15 जनवरी से 24 जनवरी 2024 के बीच की तारीख बताई गई है। लेकिन, इस ओर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री ही करेंगे। प्रधानमंत्री को भेजे गए निमंत्रण में ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के हस्ताक्षर हैं।
श्रद्धालुओं की भी सुविधा पर भी है ध्यान
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हो जाने के बाद जाहिर है, बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट श्रद्धालुओं की सुविधा को भी ध्यान में रखकर काम कर रहा है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के बाद संभावित श्रद्धालुओं के आगमन की वृद्धि को देखते हुए धर्मशाला आदि का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें होटल, रेस्तरां, डॉरमेट्री शामिल है। वहीं, श्रीरामलला के मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 मीटर लंबा मार्ग बनाया जा रहा है।
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